यह तà¥à¤²à¤¸à¥€ विवाह देव उठनी à¤à¤•ादशी के दिन कारà¥à¤¤à¤¿à¤• मास शà¥à¤•à¥à¤² पकà¥à¤· गà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¸ के दिन किया जाता है, लेकिन कई लोग इसे दà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¶à¥€ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ देव उठनी à¤à¤•ादशी के अगले दिन किया जाता हैं।
तà¥à¤²à¤¸à¥€ विवाह का महतà¥à¤µ à¤à¤µà¤‚ तà¥à¤²à¤¸à¥€ विवाह कथा :
तà¥à¤²à¤¸à¥€, राकà¥à¤·à¤¸ जालंधर की पतà¥à¤¨à¥€ थी, वह à¤à¤• पति वà¥à¤°à¤¤à¤¾ सतगà¥à¤£à¥‹à¤‚ वाली नारी थी, लेकिन पति के पापों के कारण दà¥à¤–ी थी। इसलिठउसने अपना मन विषà¥à¤£à¥ à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ में लगा दिया था। जालंधर का पà¥à¤°à¤•ोप बहà¥à¤¤ बॠगया था, जिस कारण à¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ ने उसका वध किया। अपने पति की मृतà¥à¤¯à¥ के बाद पतिवà¥à¤°à¤¤à¤¾ तà¥à¤²à¤¸à¥€ ने सतीधरà¥à¤® को अपनाकर सती हो गई। कहते हैं उनà¥à¤¹à¥€ की à¤à¤¸à¥à¤® से तà¥à¤²à¤¸à¥€ का पौधा उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हà¥à¤† और उनके विचारों à¤à¤µà¤® गà¥à¤£à¥‹à¤‚ के कारण ही तà¥à¤²à¤¸à¥€ का पौधा इतना गà¥à¤£à¤•ारी बना। तà¥à¤²à¤¸à¥€ à¤à¤• गà¥à¤£à¤•ारी पौधा हैं जिससे वातावरण à¤à¤µà¤® तन मन शà¥à¤¦à¥à¤§ होते हैं। तà¥à¤²à¤¸à¥€ के सदगà¥à¤£à¥‹à¤‚ के कारण à¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ ने उनके अगले जनà¥à¤® में उनसे विवाह किया। इसी कारण से हर साल तà¥à¤²à¤¸à¥€ विवाह मनाया जाता है। यह à¤à¥€ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ हैं कि जो मनà¥à¤·à¥à¤¯ तà¥à¤²à¤¸à¥€ विवाह करता हैं, उसे मोकà¥à¤· की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ होती हैं। इस पà¥à¤°à¤•ार देव उठनी गà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¸ अथवा पà¥à¤°à¤¬à¥‹à¤§à¤¿à¤¨à¥€ à¤à¤•ादशी के दिन तà¥à¤²à¤¸à¥€ विवाह का महतà¥à¤µ बताया गया हैं।
घरों में कैसे किया जाता हैं तà¥à¤²à¤¸à¥€ विवाह :
हिनà¥à¤¦à¥‚ धरà¥à¤® में सà¤à¥€ के घरो में तà¥à¤²à¤¸à¥€ का पौधा जरà¥à¤° होता हैं। इस दिन पौधे के गमले को सजाया जाता हैं। फूलों à¤à¤µà¤® गनà¥à¤¨à¥‡ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मंडप बना कर विषà¥à¤£à¥ देवता की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ कर तà¥à¤²à¤¸à¥€ à¤à¤µà¤® विषà¥à¤£à¥ जी का गठबंधन कर पà¥à¤°à¥‡ विधि विधान से पूजन किया जाता हैं à¤à¤µà¤‚ पूरी शादी की विधि विधान से संपनà¥à¤¨ की जाती हैं। कई लोग पूजा कर ॠनमो वासà¥à¤¦à¥‡à¤µà¤¾à¤¯ नम: मंतà¥à¤° का उचà¥à¤šà¤¾à¤°à¤£ कर विवाह की विधि पूरी करते हैं। कई पà¥à¤°à¤•ार के पकवान à¤à¤µà¤® नेवैदà¥à¤¯ से à¤à¥‹à¤— लगाया जाता हैं। परिवार जनों के साथ पूजा के बाद आरती करके पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¦ वितरित किया जाता हैं। इस पà¥à¤°à¤•ार इस दिन से चार माह से बंद मांगलिक कारà¥à¤¯à¥‹ का शà¥à¤à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ होता हैं। तà¥à¤²à¤¸à¥€ विवाह के दिन दान का à¤à¥€ महतà¥à¤µ हैं इस दिन कनà¥à¤¯à¤¾ दान को सबसे बड़ा दान माना जाता हैं। कई लोग तà¥à¤²à¤¸à¥€ का दान करके कनà¥à¤¯à¤¾ दान का पà¥à¤£à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करते हैं। इस दिन शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में गाय दान का à¤à¥€ महतà¥à¤µ होता हैं। गाय दान कई तीरà¥à¤¥à¥‹ के पà¥à¤£à¥à¤¯ के बराबर माना जाता हैं।
November 15, 2021
November 05, 2021
November 05, 2021